Disclaimer

"निम्नलिखित लेख विभिन्न विषयों पर सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रस्तुत की गई जानकारी किसी विशिष्ट क्षेत्र में पेशेवर सलाह के रूप में नहीं है। यह लेख केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है।"

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"इस लेख को किसी भी उत्पाद, सेवा या जानकारी के समर्थन, सिफारिश या गारंटी के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। पाठक इस ब्लॉग में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों और कार्यों के लिए पूरी तरह स्वयं जिम्मेदार हैं। लेख में दी गई किसी भी जानकारी या सुझाव को लागू या कार्यान्वित करते समय व्यक्तिगत निर्णय, आलोचनात्मक सोच और व्यक्तिगत जिम्मेदारी का प्रयोग करना आवश्यक है।"

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क्या आप जानते हैं कि यौन समस्याएँ केवल शारीरिक नहीं होतीं, बल्कि ये हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं? प्रदीप की कहानी हमें यही बताती है। 28 वर्षीय प्रदीप, महाराष्ट्र के डोंबिवली में रहते हैं। वह एक प्रेम संबंध में थे लेकिन इरेक्टाइल डिसफंक्शन और प्रीमेच्योर इजेकुलेशन जैसी यौन समस्याओं के कारण उनकी निजी जिंदगी में कई चुनौतियाँ आ रही थीं। इस कहानी  में हम प्रदीप की उस यात्रा का वर्णन करेंगे जिसमें उन्होंने इन समस्याओं का समाधान ढूंढा और अपने जीवन में खुशहाली और संतोष की नई राहें खोलीं।

समस्या की पहचान और उसका प्रभाव

प्रदीप, जो कि 28 वर्षीय युवक है, महाराष्ट्र के डोंबिवली में रहता है। प्रदीप एक प्रेम संबंध में था, लेकिन उसका निजी जीवन उतना सुखद नहीं चल रहा था क्योंकि उसे कुछ यौन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। एक सच्चे संबंध में जहां भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता होती है, वहीं शारीरिक समर्थन की भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शारीरिक समर्थन से मेरा तात्पर्य है कि संभोग द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त करना। यह एक आम बात है कि प्रेम संबंधों में दोनों तरह के समर्थन—भावनात्मक और शारीरिक—दोनों जरूरी होते हैं, जब तक आपके साथी की रजामंदी न हो। प्रदीप के लिए, यह समस्या उनके संबंध को प्रभावित कर रही थी । प्रदीप को सेक्स करते वक्त थोड़ी सी घबराहट होती थी, जिसे प्रदर्शन चिंता (परफॉर्मेंस एंग्जाइटी) भी कहते हैं। इस घबराहट के कारण उन्हें इरेक्टाइल डिसफंक्शन और प्रीमेच्योर इजेकुलेशन की समस्या हो गई थी, जिससे वह अपने लिंग को ज्यादा समय तक सख्त नहीं रख पाते थे और उनका सीमन जल्दी निकल जाता था और इसलिए उन्हें इस दिशा में मदद की जरूरत थी।

मदद की खोज और डॉक्टर की गहराई से समझ

एक दिन प्रदीप अपने खाली समय में फेसबुक पर स्क्रॉल कर रहे थे जब उन्होंने अचानक एक पोस्ट देखी जो सेक्सुअल हेल्थ के बारे में थी। वह पोस्ट देखते ही प्रदीप में एक आशा जाग गई और वह थोड़ा खुश हो गया, यह जानकर कि चलो इस समस्या का भी इलाज है।

जैसे ही प्रदीप ने उस पोस्ट के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक किया, वह सीधे वेबसाइट पर पहुँच गया। प्रदीप ने जो पोस्ट देखा था, वह ‘Allo Health‘ नामक पब्लिक फेसबुक अकाउंट से था। जब वह Allo Health की वेबसाइट पर पहुँचा तो उसने देखा कि यहाँ कई तरह के डॉक्टर हैं जो सेक्स संबंधित समस्याओं को ठीक करते हैं। वेबसाइट पर जाते ही प्रदीप ने एक असेसमेंट लिया। जिससे उन्हें समस्या की सही पहचान, व्यक्तिगत उपचार योजना, और शिक्षा मिली।

28 मार्च 2024 को, प्रदीप ने Allo Health के कल्याण वेस्ट ब्रांच में अपना पहला अपॉइंटमेंट लिया और वहां डॉ. वत्सल सुचक से मिले। डॉ. वत्सल, जो कि एक मनोचिकित्सक और सेक्सोलॉजिस्ट हैं, जो मानसिक और इंटिमेट वेल-बीइंग दोनों को बेहतर बनाने के लिए समर्पित हैं। डॉक्टर ने प्रदीप की समस्याओं को बहुत ध्यान से सुना। डॉक्टर ने कहा, “यह समझना महत्वपूर्ण है कि यौन समस्याएँ केवल शारीरिक नहीं होतीं, बल्कि इनके मानसिक और भावनात्मक पहलू भी होते हैं। हमारा लक्ष्य आपके शारीरिक लक्षणों को सुधारना ही नहीं, बल्कि आपको एक समग्र तरीके से मदद करना है ताकि आप पूर्ण रूप से स्वस्थ महसूस कर सकें।”

प्रदीप के मुद्दों पर गहराई से चर्चा करने के बाद, डॉ. वत्सल ने उन्हें कई जांचें और टेस्ट कराने की सलाह दी। उन्होंने प्रदीप को शराब और तंबाकू के सेवन से दूर रहने के लिए भी कहा, क्योंकि ये दोनों ही उनकी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

इस प्रक्रिया के दौरान, प्रदीप ने महसूस किया कि उन्हें वास्तविक और व्यापक मदद मिल रही है, और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई। डॉ. वत्सल की सलाह और उपचार योजना ने उन्हें नई उम्मीद और दिशा प्रदान की।

मूल कारण, सहयोगी कारक, और निदान

प्रदीप के इलाज की दिशा में पहला कदम उनकी समस्याओं के मूल कारणों को समझना था। डॉ. वत्सल सुचक ने प्रदीप की स्थिति का व्यापक मूल्यांकन किया, जिसमें उनके जीवनशैली संबंधी आदतों और मानसिक स्वास्थ्य का भी पता चला। प्रदीप ने स्वीकार किया कि उनकी शराब और तंबाकू की आदतें उनकी यौन समस्याओं को और बढ़ा रही थीं।

प्रदीप ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी आदतें मेरे यौन जीवन पर इतना बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। शराब और तंबाकू का सेवन मेरी समस्याओं को और बढ़ा रहा था।”

डॉ. वत्सल ने प्रदीप को समझाया कि उनकी समस्याएं केवल शारीरिक नहीं थीं, बल्कि मानसिक तनाव और चिंता भी इसमें बड़ा योगदान दे रही थी। डॉक्टर ने कहा, “प्रदर्शन चिंता (परफॉर्मेंस एंग्जाइटी), जिसे आप अनुभव कर रहे हैं, यह आपके इरेक्शन और समय से पहले इजेकुलेशन की समस्याओं को बढ़ा सकता है। इसलिए हमें न केवल शारीरिक उपचार पर, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा।”

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डॉ. वत्सल ने निदान के लिए प्रदीप को कई परीक्षणों के लिए भेजा, जिसमें CBC टेस्ट, हार्मोन लेवल चेक और अन्य शारीरिक परीक्षण शामिल थे। इन परीक्षणों के परिणामों से डॉक्टर ने प्रदीप के स्वास्थ्य की स्थिति का और भी बेहतर असेसमेंट किया और उपयुक्त उपचार योजना तैयार की।

प्रदीप ने आगे कहा, “मैंने महसूस किया कि उपचार का मतलब केवल दवाइयाँ नहीं हैं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली में बदलाव भी है। डॉक्टर के साथ बातचीत से मुझे नई दिशा मिली है और अब मैं अपनी समस्याओं को लेकर अधिक सतर्क हूं।”

उपचार योजना और तत्काल कार्रवाई

जब प्रदीप डॉ. वत्सल सुचक के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा कर चुके, तो डॉक्टर ने तत्काल कुछ कार्रवाई करने का निर्णय लिया। उपचार की योजना में दवाओं के साथ-साथ विशेष थेरेपी भी शामिल थीं, जिससे प्रदीप को जल्दी से जल्दी राहत मिल सके।

दवाईयाँ:

  1. इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए दवाई: डॉक्टर ने फॉस्फोडायस्टरेज इनहिबिटर्स (PDE5 inhibitors) समूह की दवाई दी, जो कि इरेक्शन को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह दवाई यौन उत्तेजना के समय खून के प्रवाह को बढ़ाकर काम करती है।
  2. प्रीमेच्योर इजेकुलेशन के लिए दवाई: सिलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स (SSRIs) का प्रयोग किया गया, जो समय से पहले इजेकुलेशन को रोकने में मदद करती है।
  3. सप्लीमेंट्स: प्रदीप को एल-आर्जिनीन, जिंक, और विटामिन B6 युक्त सप्लीमेंट्स दिए गए, जो कि शरीर की प्राकृतिक इम्यूनिटी को सुधारने और कुल स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं।

थेरेपी और अन्य उपचार:

  1. काउंसलिंग सत्र: प्रदीप को नियमित काउंसलिंग सत्रों में भाग लेने के लिए कहा गया, जहां वे अपनी चिंताओं को व्यक्त कर सकते हैं और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
  2. पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज: डॉक्टर ने प्रदीप को पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करने के लिए विशेष व्यायाम करने की सलाह दी। यह व्यायाम यौन क्रिया के दौरान बेहतर नियंत्रण प्रदान करने में मददगार होते हैं।
  3. आराम और मनोविश्राम तकनीकें: तनाव प्रबंधन के लिए योग और मेडिटेशन जैसी तकनीकों को अपनाने की सलाह दी गई, जो कि प्रदर्शन चिंता (परफॉर्मेंस एंग्जाइटी) को कम करने में सहायक होती हैं।

इन उपचारों की शुरुआत में, प्रदीप को लगभग तुरंत ही अपनी स्थिति में सुधार महसूस होने लगा। डॉक्टर की सलाह और दवाओं के साथ-साथ थेरेपी ने उन्हें न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूती प्रदान की।

फॉलो-अप – प्रगति रिपोर्ट और दवा परिवर्तन

Allo Health के साथ शुरुआत करने पर प्रदीप को एक निजी डैशबोर्ड दिया जाता है, जो सभी महत्वपूर्ण जानकारी और आगामी कदमों को दर्शाता है। यह डैशबोर्ड प्रदीप को उनके उपचार की निगरानी में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि वे अपनी योजना का पालन कर रहे हैं। 

पहला फॉलो-अप:

पहला फॉलो-अप में, जब प्रदीप ने डॉ. वत्सल सुचक को अपनी सारी परेशानियां बताईं, तो डॉक्टर ने उन्हें ध्यान से सुना। इस बातचीत से यह भी पता चला कि प्रदीप शराब और तंबाकू का सेवन करते हैं। डॉ. वत्सल ने प्रदीप को CBC टेस्ट कराने के लिए कहा और उन्हें प्रदर्शन चिंता (परफॉर्मेंस एंग्जाइटी), इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED), और प्रीमेच्योर इजेकुलेशन (PE) से निदान किया। डॉक्टर ने प्रदीप को कुछ सलाह भी दी:

  • नियमित रूप से पेल्विक फ्लोर व्यायाम करें ताकि मांसपेशियों को मजबूती मिल सके।
  • इरेक्शन में सुधार के लिए 5-10 मिनट फोरप्ले करें।
  • आराम करें और प्रदर्शन पर नहीं, आनंद पर ध्यान दें।
  • हर रात 6-8 घंटे की अविराम नींद सुनिश्चित करें।
  • नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार बनाए रखें।

 डॉक्टर ने उन्हें कुछ दवाइयां भी दीं, प्रदीप का इलाज फॉस्फोडायस्टरेज इनहिबिटर्स (PDE5 inhibitors) से किया गया, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए प्रभावी हैं क्योंकि ये यौन उत्तेजना के समय खून के प्रवाह को बढ़ाते हैं। साथ ही, सिलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स (SSRIs) का इस्तेमाल प्रीमेच्योर इजेकुलेशन को नियंत्रित करने के लिए किया गया। प्रदीप को शारीरिक इम्यूनिटी और समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए एल-आर्जिनीन, जिंक, और विटामिन B6 युक्त सप्लीमेंट्स भी दिए गए। इन उपचारों ने प्रदीप की स्वास्थ्य स्थिति में काफी सुधार लाया।

उपचार शुरू करने और उसकी समीक्षा करने के बाद, Allo Health प्रदीप को संदेश भेजता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्होंने उपचार शुरू कर दिया है और सब कुछ ठीक चल रहा है। उपचार के बीच में, वे फिर से जाँच करते हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदीप अपने उपचार का पालन कर रहे हैं और किसी भी समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके।

दूसरा फॉलो-अप:

प्रदीप का दूसरा फॉलो-अप एक महीने बाद हुआ, जिसमें डॉ. वत्सल ने उनकी स्वास्थ्य रिपोर्ट की जांच की। इस सत्र में, उनके HDL और प्लेटलेट्स में मामूली कमी पाई गई। डॉक्टर ने कहा, “प्रदीप, आपकी दवाइयों से आपको कुछ फायदा हुआ है, लेकिन हमें आपके आहार में उच्च फाइबर शामिल करने की जरूरत है।” इसके अलावा, प्रदीप को नियमित व्यायाम करने की सलाह दी गई ताकि उनकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो सके।

दूसरे फॉलो-अप में, प्रदीप ने बताया कि उन्हें दवाइयों और लाइफस्टाइल में किए गए बदलावों से अधिक लाभ महसूस हो रहा है। डॉक्टर ने उनकी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा, “आपकी प्रगति से मुझे खुशी हो रही है, प्रदीप। आपका आत्मविश्वास और समर्पण दिख रहा है।” इस सत्र में, डॉक्टर ने कुछ दवाइयों की मात्रा में एडजस्टमेंट किया और उन्हें अधिक सक्रिय रहने के लिए भी प्रेरित किया।

अंतिम फॉलो-अप:

अंतिम फॉलो-अप में प्रदीप ने अपने अनुभवों को साझा किया और बताया कि वे अब बहुत बेहतर महसूस कर रहे हैं। डॉक्टर वत्सल ने कहा, “प्रदीप, आपकी स्वास्थ्य में सुधार और आपका सकारात्मक दृष्टिकोण देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आपकी मज़बूती और निरंतर प्रयासों ने आपको इस स्तर तक पहुंचाया है।” इस सत्र में, डॉक्टर ने प्रदीप को कुछ दवाइयों को धीरे-धीरे बंद करने की सलाह दी, क्योंकि उनकी स्थिति में काफी सुधार हुआ था और उन्हें नया आत्मविश्वास भी मिला था।

प्रदीप की कहानी से हमें पता चलता है कि यौन समस्याएं सिर्फ शरीर से जुड़ी नहीं होतीं, बल्कि ये हमारे मन और भावनाओं को भी प्रभावित करती हैं। प्रदीप को एक ऐसी इलाज की योजना मिली, जिसने न सिर्फ उनकी यौन समस्याओं का समाधान किया, बल्कि उन्हें एक स्वस्थ जिंदगी जीने का तरीका भी सिखाया।

इस इलाज में प्रदीप ने सीखा कि शरीर, मन और भावनाएं एक-दूसरे से कैसे जुड़े होते हैं और एक दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं। उन्होंने यह भी जाना कि सही मदद और समर्थन से व्यक्ति अपनी मुश्किलें पार कर सकता है और एक खुशहाल जिंदगी जी सकता है।

प्रदीप की सफलता हमें यह बताती है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए समय पर डॉक्टर से मदद लेना कितना जरूरी है। इससे न सिर्फ समस्या का हल होता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।