पेशेंट का सफर 06: संतोषजनक इरेक्शन प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थता का अनुभव कर रहे हैं? जानिए कैसे एक व्यक्ति ने अपनी असमर्थता को सामर्थ्य में बदला

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Dr Pratyusha Kaipa holds an MBBS degree from Vydehi Institute of Medical Sciences and Research Centre. She has 1 year of clincal experience.
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Updated on 26 February, 2025
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इस कहानी में, हम अर्जुन की यात्रा को देखेंगे, एक युवक जिसने यौन स्वास्थ्य की चुनौतियों का सामना किया और उन्हें कैसे पार किया। 25 वर्षीय अर्जुन, जो बैंगलोर से हैं, प्रीमैच्योर इजैकुलेशन से जूझ रहे थे। इस कहानी में, हम उनके संघर्ष, उपचार की खोज, और उनके जीवन में आई नई उम्मीद की कहानी को देखेंगे। यह यात्रा दिखाती है कि कैसे सही मार्गदर्शन और समर्थन से यौन स्वास्थ्य की चुनौतियों पर विजय पाई जा सकती है।
समस्या और उसका प्रभाव
अर्जुन को प्रीमैच्योर इजैकुलेशन की समस्या थी, जिसके कारण वह सेक्स के दौरान जल्दी स्खलन का अनुभव करते थे, अक्सर केवल 30 सेकंड के भीतर। इस समस्या ने उनके आत्मविश्वास को गहराई से प्रभावित किया और उन्हें शर्मिंदा महसूस कराया।
अर्जुन ने शुरुआत में इसे अनदेखा करने की कोशिश की, सोचा कि यह अस्थायी समस्या हो सकती है या समय के साथ अपने आप ठीक हो जाएगी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उन्हें एहसास हुआ कि यह समस्या बनी हुई है और उनके व्यक्तिगत जीवन पर गहरा प्रभाव डाल रही है। अर्जुन ने कुछ घरेलू उपायों की तलाश की और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार कुछ तकनीकें आजमाईं, लेकिन कोई भी स्थायी समाधान नहीं मिल पाया।
इस स्थिति ने उन्हें न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी प्रभावित किया, जिससे उनका आत्मसम्मान और सामाजिक जीवन भी प्रभावित हुआ। अंततः, उन्होंने महसूस किया कि उन्हें पेशेवर मदद की जरूरत है और इस समस्या का गंभीरता से सामना करने का निर्णय लिया।
उपचार की खोज और डॉक्टर की समझ
अर्जुन ने इंटरनेट पर उपचार के लिए खोज की और Allo Health के बारे में पाया। इस प्लेटफॉर्म पर सफलता की कहानियों से प्रेरित होकर, उन्होंने Allo Health में संपर्क किया और डॉ. प्रत्युषा और मनोवैज्ञानिक थेरेपिस्ट निहित से मिलने का निर्णय लिया।
जब अर्जुन डॉ. प्रत्युषा से मिले, डॉक्टर ने ध्यान से उनकी बात सुनी और समस्या की गंभीरता को समझा। डॉक्टर ने कहा, “ये समस्या बहुतों को होती है, लेकिन ठीक हो सकती है। हमें सही तरीके से इलाज करना होगा।”
इसके बाद, अर्जुन मनोवैज्ञानिक थेरेपिस्ट निहित से मिले, जिन्होंने उन्हें व्यक्तिगत चिकित्सा सत्र प्रदान किए। निहित ने कहा, “हम आपके मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझकर आपकी समस्या का समाधान खोजेंगे।”
दोनों विशेषज्ञों ने मिलकर एक इलाज योजना बनाई, जिसमें दवाइयाँ, मनोवैज्ञानिक थेरेपी, और व्यायाम शामिल थे। इस तरह, अर्जुन को उनकी समस्या के लिए समग्र उपचार मिला और उनके ठीक होने की नई उम्मीद जगी।
मूल कारण, योगदान कारक और निदान
जब अर्जुन ने अपने उपचार की प्रक्रिया शुरू की, डॉ. प्रत्युषा और थेरेपिस्ट निहित ने उनकी समस्या के मूल कारणों की खोज की। विस्तृत जांच और बातचीत के बाद, यह पता चला कि अर्जुन की समस्या के पीछे कई कारक थे, जिनमें तनाव, चिंता और शारीरिक अवस्था शामिल थीं।
अर्जुन ने कहा, “मैंने पहले इसे सामान्य समझा था, लेकिन जब मैंने विशेषज्ञों से बात की तो मुझे समझ में आया कि मेरे तनाव और जीवनशैली ने इसमें बड़ा योगदान दिया है।”
डॉ. प्रत्युषा और थेरेपिस्ट निहित ने स्पष्ट किया कि अर्जुन के प्रीमैच्योर इजैकुलेशन की समस्या केवल शारीरिक नहीं थी, बल्कि मानसिक और भावनात्मक पहलुओं से भी जुड़ी थी। उन्होंने कहा, “यह समझना महत्वपूर्ण है कि शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कारक सभी आपके यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।”
निदान में इन सभी कारकों को ध्यान में रखा गया, और अर्जुन को एक समग्र उपचार योजना प्रदान की गई, जिसमें उनकी शारीरिक स्थिति, मानसिक स्वास्थ्य, और भावनात्मक संतुलन को सुधारने के लिए कदम शामिल थे। इससे अर्जुन को अपनी समस्या के मूल कारण को समझने और उस पर काम करने की दिशा मिली।
विस्तृत उपचार और तत्काल कार्रवाई
अर्जुन के उपचार की शुरुआत में, डॉ. प्रत्युषा और थेरेपिस्ट निहित ने एक विस्तृत उपचार योजना बनाई, जिसमें दवाई, मनोचिकित्सा, और शारीरिक थेरेपी शामिल थी।
डॉ. प्रत्युषा ने कुछ दवाइयाँ निर्धारित कीं जो प्रीमैच्योर इजैकुलेशन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर्स (SSRIs): ये दवाइयाँ मूल रूप से अवसाद (डिप्रेशन) के इलाज के लिए होती हैं, लेकिन इन्हें यौन स्थायित्व को बढ़ाने में भी प्रभावी पाया गया है। SSRIs उन रसायनों के पुनः अवशोषण को रोकती हैं जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को नियंत्रित करते हैं, जिससे स्खलन की प्रक्रिया में देरी होती है।
टॉपिकल क्रीम और स्प्रे: इनमें स्थानीय एनेस्थेटिक शामिल होती हैं जैसे कि लिडोकेन या प्रिलोकेन, जिन्हें पेनिस के सिर पर लगाया जाता है ताकि संवेदनशीलता को कम किया जा सके और स्खलन में देरी हो।
इन दवाइयों का उद्देश्य यौन क्रिया के दौरान सहनशक्ति बढ़ाना था। डॉ. प्रत्युषा ने कहा, “ये दवाई आपके शरीर को समय से पहले रिएक्शन करने से रोकेंगी और आपको अधिक समय तक टिके रहने में मदद करेंगी।”
साथ ही, थेरेपिस्ट निहित ने मनोचिकित्सा के माध्यम से अर्जुन के तनाव और चिंता को कम करने के उपाय किए। निहित ने अर्जुन को विश्राम तकनीकें और माइंडफुलनेस का अभ्यास करने की सलाह दी।
इसके अलावा, शारीरिक थेरेपी में ‘स्टार्ट-स्टॉप’ तकनीक शामिल की गई, जिसे अर्जुन को अपनी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने और यौन संबंध के दौरान बेहतर स्थायित्व प्राप्त करने में मदद करने के लिए सिखाया गया।
इस प्रकार, अर्जुन के उपचार की योजना में दवाइयों, मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन, और शारीरिक तकनीकों का संयोजन था, जिससे उनके यौन स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
फॉलो-अप और प्रगति रिपोर्ट
अर्जुन के उपचार के बाद, नियमित फॉलो-अप निर्धारित किए गए थे ताकि उनकी प्रगति की निगरानी की जा सके और उपचार योजना में आवश्यक समायोजन किया जा सके।
अर्जुन का पहला फॉलो-अप उपचार शुरू होने के एक महीने बाद हुआ, जिसमें उनके यौन प्रदर्शन में सुधार देखा गया। थेरेपिस्ट निहित ने कहा, “हमें आपकी प्रगति देखकर खुशी हो रही है। यह स्पष्ट है कि उपचार योजना काम कर रही है।”
उनकी दवाइयों की मात्रा और प्रकार में धीरे-धीरे समायोजन किया गया, उनकी प्रगति के आधार पर। जैसे-जैसे अर्जुन का स्थायित्व और नियंत्रण बढ़ा, कुछ दवाइयों को कम किया गया या बदला गया ताकि उनके शरीर की प्रतिक्रिया को संतुलित किया जा सके
अर्जुन ने अनेक फॉलो-अप सत्रों में भाग लिया, जहां उनके उपचार की समीक्षा की गई और उन्हें आगे की सलाह दी गई। निहित ने कहा, “यह देखना महत्वपूर्ण है कि आप कैसे अनुकूलित हो रहे हैं और क्या आपके लिए कोई और सुधार किया जा सकता है।”
इन फॉलो-अप सत्रों के दौरान, अर्जुन की थेरेपी और व्यायाम योजना में भी समायोजन किया गया, ताकि उन्हें उनकी प्रगति के अनुसार बेहतर मार्गदर्शन मिल सके। अर्जुन की प्रगति और उपचार योजना की समीक्षा लगातार की गई, जिससे उन्हें उनकी यौन स्वास्थ्य समस्या में निरंतर सुधार और स्थिरता मिली।
अर्जुन की यात्रा यौन स्वास्थ्य की चुनौतियों से निपटने और उन पर विजय पाने की एक प्रेरणादायक कहानी है। उनकी समस्या का सामना करने के लिए लिया गया व्यापक दृष्टिकोण, जिसमें दवाइयों, मनोवैज्ञानिक थेरेपी, और शारीरिक अभ्यास शामिल थे, ने उन्हें बेहतर यौन जीवन की ओर मार्गदर्शन किया।
नियमित फॉलो-अप और उपचार योजना में समायोजन ने अर्जुन को अपनी प्रगति को ट्रैक करने और उसे सुधारने में मदद की। उनकी कहानी से यह भी सीखने को मिलता है कि यौन स्वास्थ्य की समस्याओं का समाधान सिर्फ दवाईयों से नहीं बल्कि एक संपूर्ण उपचार योजना से होता है जो मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक सभी पहलुओं को कवर करती है।
अंत में, अर्जुन की कहानी यह दिखाती है कि उचित उपचार और पेशेवर मार्गदर्शन के साथ, यौन स्वास्थ्य की समस्याओं को सफलतापूर्वक हल किया जा सकता है, जिससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है बल्कि व्यक्तिगत आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ती है।
